परीक्षाओं के प्रश्न पत्र वेबसाइट पर हो गए अपलोड, विद्यार्थियों के पास पहुंच गए प्रश्न पत्र

विक्रम विश्वविद्यालय में ओपन बुक प्रणाली के अंतर्गत होने वाली स्नातक अंतिम वर्ष आैर स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर के सभी प्रश्न पत्र लीक हो गए हैं। विवि की लापरवाही से 5 सितंबर को ही 7, 9 आैर 11 सितंबर से शुरू होने वाली सभी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र अपलोड होकर शेयर हो गए। साक्ष्य उपलब्ध कराए जाने के 24 घंटे बाद भी विवि अधिकारियों का गैर जिम्मेदारी भरा बयान यह है कि अभी परीक्षण चल रहा है। खास बात यह है कि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री के गृह नगर के विवि में ही लापरवाही हो रही है। विश्वविद्यालय ने परीक्षाओं को लेकर भी गंभीरता नहीं दिखाई। नतीजा यह हुआ कि शनिवार को सुबह 10.30 बजे वेबसाइट पर लोड बढ़ने के कारण वेबसाइट क्रैश हो गई आैर विद्यार्थी दोपहर 3 बजे तक भी पेपर डाउनलोड नहीं कर पाए। दोबारा वेबसाइट शुरू की गई तो यूआरएल (लिंक) डाल दिए जाने की वजह से सभी आगामी परीक्षाओं के पेपर भी अपलोड हो गए। जिसे अनेक स्थानों से विद्यार्थियों ने डाउनलोड कर लिया। भास्कर ने 11 सितंबर को होने वाले बीए पाठ्यक्रम के पेपर का साक्ष्य कुलानुशासक डॉ. शैलेंद्र शर्मा को 5 सितंबर की शाम को ही दिखाया गया। साक्ष्य दिखाए जाने के बावजूद रविवार शाम को भी जब उनसे पेपर लीक होने संबंधी जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि अभी परीक्षण चल रहा है। पेपर लोड करने संबंधी कमेटी के सदस्यों को नोटिस जारी किए हैं लेकिन कमेटी के सदस्यों के नाम तक बताने को तैयार नहीं हुए। वहीं हमेशा की तरह कुलपति प्रो. बालकृष्ण शर्मा और प्रभारी कुलसचिव डॉ. दिव्य कुमार बग्गा इस बार भी जिम्मेदारी से बचते हुए मीडिया से दूर ही रहे।

 

गलती छिपाने के लिए प्रश्न पत्र बदलने की प्रक्रिया

विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन अधिकृत रूप से पेपर लीक होने की बात स्वीकारने से इनकार कर रहा है लेकिन इस गलती को छिपाने के लिए अब पूरे प्रश्न पत्रों को बदलने की प्रक्रिया की जा रही है। शनिवार रात 12 बजे तक गोपनीय विभाग में अधिकारी इस कार्य में लगे रहे लेकिन रविवार को जब सभी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने की जानकारी सामने आई तो रविवार रात 11 बजे तक भी अधिकारी सभी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र बदलने की प्रक्रिया में लगे रहे। इस मामले में कमेटी के डॉ. उमेश कुमार सिंह, डॉ. राजेश टेलर, वेबसाइट प्रभारी विष्णु सक्सेना, ऑनलाइन प्रभारी राकेश खोती, राजकुमार शर्मा, शीला चौहान और गोपनीय विभाग के उपकुलसचिव चेनराम पंवार से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

 

राजभवन पहुंचा मामला, मंत्री ने कहा- कार्रवाई करेंगे

पेपर लीक होने की जानकारी राजभवन तक भी पहुंच गई है। राजभवन के पीआरओ अजय वर्मा ने इस संबंध में उपलब्ध जानकारियां उच्च स्तर (राज्यपाल) तक पहुंचाने की बात कही। वहीं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहाकि इस मामले में दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही विक्रम विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए भी जल्द ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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